संस्कारों की प्रथम पाठशाला परिवार- तिलोकानी

संस्कारों की प्रथम पाठशाला परिवार- तिलोकानी

ब्यावर:- संस्कारों की प्रथम पाठशाला परिवार है परिवार संस्कारित होंगे तो बच्चों में स्वत: ही संस्कार होंगे. हमें प्रयास करना होगा कि परिवार में मातृभाषा का उपयोग करते हुए अपनी संतानों को संस्कारित करें।
उक्त विचार  सिन्धी  सेन्ट्रल समाज ब्यावर व भारतीय सिंधु सभा के संयुक्त तत्वाधान में 6 दिवसीय बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह पर समाज संरक्षक हरिकिशन तिलोकानी ने व्यक्त किये। 
सिंधी बाल संस्कार शिविर समापन समारोह में समाज के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मण दास गुरनानी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वही समाज प्रगति कर सकता है जो संस्कारित,मेहनती व लग्नशील हो। पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण के चलते चहुं और संस्कारों की कमी महसूस की जा रही है जिसे हम स्वयं सजग होकर अपने बच्चों को संस्कार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम के शुभारंभ में इष्ट देव पूज्य श्री झूलेलाल साहिब, विधा देवी सरस्वती माता ,भारत माता, सिन्ध के नक्शे व सद्गुरु स्वामी टेऊंराम महाराज जी की छवि पर माल्यार्पण व समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
स्वागत संबोधन भारतीय सिंधु सभा के नगर अध्यक्ष हरगुन लालवानी ने दिया शिविर रिपोर्ट शिविर संयोजक कमल सुंदर चचलानी ने दी कार्यक्रम में नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां  में सरस्वती वंदना,  झूलेलाल भगवान की आरती,  प्रतिज्ञा , दिन,  महीने  अपनी पहचान , शरीर के अंग के बारे में जानकारी तथा लाठी चलाना व नियुद्ध का प्रदर्शन किया गया।
6 दिवसीय आयोजित शिविर के शिविरार्थियों को प्रमाण पत्र व  स्मृति चिन्ह दिए गए।  शिविर में संयोजक कमल सुन्दर चचलानी व सेवाएं देने वाले विजय  डेटानी (योगा), श्रीमती भावना खुबानी (सिंधी किताब) सुश्री रेशमा पुरुस्वानी (सिंधी गीत भजन) सुश्री कशिश चंदनानी व श्रीमती वर्षा दुलानी( लाठी चलाना), किशन लालवानी वासु गुरनानी श्रीमती अंजलि करमचंदानी श्रीमती वर्षा चंदनानी व हर्षा उत्तमचंदानी को सृमृति चिन्ह व माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।
समापन समारोह में हरीश मलकानी,  लक्ष्मण दास हरवानी,  दयाल टिलवानी,  चंद्र प्रकाश केसवानी , सुनील आसवानी जय आसवानी, दिनेश हरचंदानी दीपक हरचंदानी रमेश सावलानी, दीपक हरचंदानी, महेश पारवानी,, गंगाराम हरचंदानी बच्चों के माता-पिता व अनेक समाज बंधु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन भावना खुबानी व विजय डेटानी ने संयुक्त रूप से किया।