मातृ भाषा जीवन में उन्नति का आधार

मातृ भाषा जीवन में उन्नति का आधार

ब्यावर में अन्तर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर हुए कार्यक्रम

ब्यावर:- मातृ भाषा में ग्रहण की गई प्रारम्भिक शिक्षा जन्म-जन्मान्तर  नहीं भूल सकते,  यही वो मजबूत नींव होती है जिस पर हम ऊँची मीनारे /भवन  खड़े कर सकते हैं अर्थात जीवन में ऊँचे लक्ष्य हासिल कर सकते हैं | 
उक्त वीचार राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली व भारतीय सिंधु सभा राजस्थान द्वारा ब्यावर में नियुक्त किए गए सिन्धी शिक्षा मित्र  कमल सुन्दर चचलानी ने सिन्धी शिक्षा शागिर्द मित्र संस्था द्वारा आयोजित *अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस* के मौके पर आयोजित संगोष्ठी  पर व्यक्त किए. 
महिला सिन्धी शिक्षा मित्र श्रीमती सानिया खूबानी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान उन्होने यह भी कहा कि *निज भाषा के बिना उन्नति सम्भव नही*


कार्यक्रम में श्रीमती भारती गिदवानी ने "सिंधी बोली ऐं असां"
भावना खूबानी ने "सिन्धी बोली लुप्त थियण जो कारण", रितु टवरानी ने "नई टही ऐं सिन्धी बोली", रमा छतानी ने "ब्यावर में सिन्धी बोलीअ जो वाधारो",विषय पर अपने वीचार व्यक्त किये.
समारोह में कमल सुन्दर चचलानी द्वारा लिखित लघु नाटिका *दोषी कौन* (डोही केरू) का मंचन भी किया गया जिसमें रेशमा पुरस्वानी,  कशिश पुरस्वानी, खुशबु शिवानी, मीनाक्षी छतानी पायल टवरानी ने शानदार प्रस्तुति दी उपस्थित वरिष्ठ जनो की आँखे छलछला  गई,  रिद्धिमा पुरस्वानी ने सिन्धी अबाणी बोली प्रस्तुत किया जिस पर श्रोता नाच उठे, इस अवसर पर हर्षा उत्तमचन्दानी के निर्देशन में प्रियांशी दासानी, खुशी मूरझानी, लक्षिता मोटवानी, टीशा मोटवानी, वंशिका वरलानी व कनक खत्री ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया, कार्यक्रम को हरीकिशन तिलोकानी, शंकर झूरानी, हरगुण लालवानी ने भी सम्बोधित किया, नन्हे मुन्हो के साथ माधव उतवानी, योगिता जारानी,भूमि छतानी, सिमरन छतानी पुष्पा वरलानी, वैभव मूरझानी सहित अनेक समाजजन उपस्थित थे