दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में कोटा के रतनानी का पेपर,मीरचंदानी को शतकीय सम्मान

दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में कोटा के रतनानी का पेपर,मीरचंदानी को शतकीय सम्मान

कोटा 18 अक्टूबर। राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद औऱ शताब्दी वर्ष मना रही सुधार सभा की ओर से अजमेर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में साहित्यकार किशन रतनानी ने संस्कृति और उसके प्रभाव पर पेपर प्रस्तुत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि अब संस्कृति से सबको जोड़ने के लिए डिज़िटल विरासत पर ध्यान देने की जरूरत है।
 सेमिनार में कोटा की लेखिका पूनम रतनानी ने अपने पिता  और सुधार सभा के समर्पित मानद महासचिव नारायण दास मीरचंदानी को दिए गए शतकीय सम्मान को ग्रहण किया। वे छ दशकों तक सुधार सभा की सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागी रहे। 
सेमिनार की संयोजिका डॉ कमला गोकलानी ने बताया कि इस राष्ट्रीय सेमिनार में इंदौर की  रश्मि रमानी, जयपुर की नंदिनी पंजवानी, अजमेर के  डॉ सुरेश बबलानी, अहमदाबाद के डॉ जेठो  लालवानी, तमन्ना लालवानी, डॉ माला कैलाश ,राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद के सदस्य मनीष देवनानी, पूर्व निदेशक डॉ प्रताप पिंजानी,डॉ जितेंद्र थदानी, सुधार सभा के संरक्षक ईश्वर ठाराणी,अद्यक्ष दयाल शेवानी,महासचिव माहेश्वरी गोस्वामी, ढोलन राही आदि ने अलग अलग विषय पर अपने पेपर प्रस्तुत किए।