सिंधी भाषा व संस्कृति को बचाने में सहायक सांस्कृतिक कार्यक्रम

ब्यावर में मनाया भगवंती नावाणी का जन्मोत्सव
ब्यावर:- सिन्धी स्वर कोकिला भगवंती नावाणी का 83 वा जन्म दिवस आज सिंधी सांस्कृतिक सखी संगत द्वारा स्थानीय पूज्य श्री झूलेलाल मंदिर नगर ब्यावर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ धूमधाम से मनाया गया।
सिंधी सांस्कृतिक सखी संगत की सानिया खुबानी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ इष्टदेव झूलेलाल व मां सरस्वती की छवि के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया तत्पश्चात रिमझिम खुबानी ने साईं ओ साईं मेहर वसाईं प्रार्थना की प्रस्तुति दी।
भगवंती नावाणी का जीवन परिचय कनिष्का रीझवानी ने दिया।
रिद्धिमा पुरस्वानी ने सुखमणी पाठ, सिद्धि भोजवानी ने ऐनर वडे शान सां-मान सां, खुशी मूर्झानी ने मुहिंजी बेड़ी अथई विच सीर ते सुमधुर आवाज में भजन प्रस्तुत किए। नंदिनी भोजवानी, भूमिका लालवानी, चाहत फुलवानी, चारवी रामरख्यानी सांची रामरख्यानी,टीशा मोटवानी आदि ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए। ब्यावर सिन्धी सेंट्रल समाज संरक्षक श्री हरकिशन तिलोकानी ने नन्हे नन्हे बच्चों द्वारा दी गई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों पर खुशी जाहिर की, समाज के वरिष्ठ श्री लक्ष्मण दास गुरनानी ने समाज में एकता की जरूरत पर बल देते हुए ऐसे उत्सव मनाने का आह्वान किया ।सिंधी शिक्षा शागिर्द मित्र कमल सुंदर चचलानी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा ही भाषा व संस्कृति को बचाने के प्रयास को सराहनीय बताया। अंतर्राष्ट्रीय संधि काव्य प्रतियोगिता में इस वर्ष प्रथम 10 विजेता प्रतियोगियों में शामिल सार्थक पुत्र पंकज गोकलानी को मोतियों की माला ल शाल पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।कार्यक्रम का संचालन भारती गिद्वानी ने किया।कार्यक्रम में श्रीमती भारती लालवानी, श्रीमती मंजू टिलवानी,वर्षा भोजवानी, दिलीप खत्री राम विश्नदासानी, मीना गुरनानी, मुस्कान पुरस्वानी आदि समाज बंधुओं कार्यकर्ता एवं उपस्थित थे, गीत व नृत्य करने वाले सभी बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर के पुरस्कृत किया गया।