देश भर में बीकानेर के चालिया मोहत्सव की हो रही है चर्चा -जाने क्यो
सिन्धी समाज द्वारा प्रति वर्ष 40 दिनों तक कठोर नियमों की पालना के साथ जप,तप और व्रत का पर्व चालिया पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है पर इस बार चलिए का ये पर्व व्रत धारियों द्वारा व्रत के नियमों का अक्षरक्ष पालन करने के उपरांत भी उत्सव सा महसूस हो रहा है ,और ऐसा हो भी क्यों नही ,कहा जाता है कि संगीत में बड़ी शक्ति होती है और जब बात सूफी संगीत की हो तो सूफी संगीत में वो जादू है जो आप को अपने इष्ट देवता से सीधे जोड़ता है और बीकानेर सिन्धी समाज के व्रत धारियों को अपने इष्ट देव से सीधा जोड़ने का काम सुरुली आवाज के धनी सिन्धी सूफी संगीत गायक श्री सतीश रिझवानी व सुगनचंद तुलस्यनी अपनी पूरी टीम हेमंत मूलचंदानी,गिरधर गोरवानी, देवानंद खेसवानी,राजू मोटवानी,ईश्वर गोरवानी,ओम गंगवानी,अनिल रिझवानी,दिनेश आहूजा,वीनू पुरोहित आदि के सहयोग के साथ भक्तो को झूलेलाल से जोड़ रहे है और इस जुड़ाव का जादू है है कि इतने कठोर नियमों के पालन वाला व्रत उत्सव रूपी लग रहा है।
इसी कड़ी में महिलाओं की मातृ शक्ति सत्संग मंडली की अध्यक्ष दादी रुक्मणि,दादी कलावती,वर्षा लखानी, दिव्या वलीरामनी,लाजवंती ढोलवानी,कविता सदारंगानी व कमला सदारंगानी ने संगत को चलिए पर्व पर रखने वाले व्रत की महत्ता बताते हुए व्रत के नियमो से अवगत कराया व अपनी सुरीली आवाज का जादू ऐसा बिखेरा की संगत साईं के दरबार मे झूमने गाने लगती है।
अन्य सभी व्यस्थाओ को संभालने में समाज के गड़मान्य लोगो का पूरा सहयोग मिल रहा है।