श्री कल्याणीका हिमालय देव स्थान - डोल में पँच दिवसीय हनुमान कथा में संत समागम

श्री कल्याणीका हिमालय देव स्थान - डोल में पँच दिवसीय हनुमान कथा में संत समागम

अनंत श्री विभूषित सद्गुरु महाराज श्री तपस्वी बाबा कल्याण दास जी उदासीन, श्री कल्याणिका हिमालय देव स्थानम् कनरा, डोल, अल्मोड़ा, उत्तराखंड के आशीर्वाद से महामंडलेश्वर श्री स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज  - कोषाध्यक्ष श्री राम जन्म भूमि अयोध्या द्वारा (व्यास पीठ पर ) श्री हनुमान जी की पँच दिवसीय कथा दिनांक 11/6/2022 - 15/6/2022 प्रारम्भ की गयी। कथा श्रवण करने भारतवर्ष से अनेक संत, महंत, साधु, डोल आश्रम पधारे। जिनमे मुख्यतः महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन - हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा, श्रीमहंत सुरेशदास जी महाराज दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या,  श्रीमहन्त भरत दास जी उदासीन संगत ऱिशि आश्रम अयोध्या, महन्त स्वामी प्रकाश मुनि जी महाराज राम शंकर आश्रम हरिद्वार, महन्त विष्णु दास जी शाहजहांपुर, महन्त श्रवण मुनि जी राम शंकर आश्रम हरिद्वार, महन्त चंद्रप्रकाश जी टांडा (यू,पी), स्वामी नरेश मुनि जी राम शंकर आश्रम हरिद्वार, स्वामी सुतीक्षण मुनि जी बनारस, स्वामी कपिलेश्वर जी महाराज, स्वामी योगेश्वरानंद जी महाराज,  स्वामी विवेकानंद जी महाराज व आचार्य शदानंद जी जो डोल आश्रम में बाबा जी की सेवा में हैं, उन्होंने भी कथा श्रवण की। साथ ही हरिशेवा आश्रम के संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी इंद्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहिर हैं। साथ ही अनेकानेक भक्त भी आश्रम में कथा श्रवण करने आए हुए हैं। 
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी जो इस समय हरिद्वार से डोल आश्रम पधारे हुए हैं, ने जानकारी देते हुए बताया डोल कि यह आश्रम पहाड़ों व जंगल के बीच बसा हुआ है। यहां पर 126 फुट ऊंचे तथा 150 मीटर व्यास के श्रीपीठम का निर्माण हुआ है। श्रीपीठम का निर्माण कार्य सन 2012 से शुरू हुआ था और अप्रैल 2018 में यह बनकर तैयार हो गया। इस श्रीपीठम में एक अष्ट धातु से निर्मित लगभग 160 टन वजन और साढ़े तीन फुट ऊंचे श्रीयंत्र की स्थापना की गई है।  इस यंत्र की स्थापना के अनुष्ठान 18 अप्रैल 2018 से शुरू होकर 29 अप्रैल 2018 तक चले। यह विश्व का सबसे बड़ा व सबसे भारी श्रीयंत्र है। और यह आश्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र है। वैदिक एवं आध्यात्मिक आस्था को एक साथ जोड़ने के लिए इस श्रीयंत्र की स्थापना की गई। श्री पीठम में लगभग 500 लोग एक साथ बैठ कर ध्यान लगा सकते हैं। 
कार्यक्रम मे उपस्थित सभी संतों व भक्तों में आश्रम में स्थापित श्री यंत्र, धूणा साहेब श्री राज राजेश्वरी माता का मंदिर व अन्य मंदिरों का दर्शन पूजन किया तथा पंच दिवसीय हनुमान जी की कथा का श्रवण किया। कथा का दिनांक 15/6/2022 को विश्राम हुआ।