युवा पीढ़ी को भाषा एवं संस्कृति का ज्ञान कराना आवश्यक - मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन
जयपुर, 31 जुलाई (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 31 जुलाई, 2023 को झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में आयोजित मासिक अदबी गोष्ठी में युवा पीढ़ी को भाषा एवं संस्कृति के महत्व से रूबरू कराने की आवश्यकता पर बल दिया।
अकादमी सचिव योगेन्द्र गुरनानी ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये जोधपुर के शिक्षाविद् एवं लेखक डा.प्रदीप गेहानी ने ’सिन्धी सभ्यता ऐं संस्कृति बाबत बारनि खे जाण जरूरी’ विषयक अपने आलेख में बच्चों को सिन्धी संस्कृति एवं सभ्यता से जोड़ने के सुझावों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने अपने आलेख में सिन्धी संस्कृति का आधार, सिन्धियों के करम-धरम एवं तीज-त्यौहारों के बारे में विस्तार से बताया। अजमेर के चन्द्रप्रकाश दादलानी ने ’शख़्स ऐं शख़्सियत-अज़ीम सिन्धी शायर परसराम जिया’ विषयक अपने आलेख में उनके द्वारा गाये गीत, कविताओं के बारे में बताया कि सबसे पहले सिन्धी फिल्म ’अबाणा के लिये प्रसिद्ध गीत दाल-छोला ढबल, तू खाई वठि दल.... गाया। अजमेर की गीता गोकलानी ने ’सिन्धी गज़लनि जो जन्मदाता नारायण श्याम’ विषयक आलेख में उनकी गजलों के बारे में विस्तार से बताया।
जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं लेखक रमेश रंगानी ने ’झूलेलाल जो चालिहो’ की उत्पत्ति और प्रमाणिकता के बारे में विस्तार से वर्णन किया साथ ही चालिहे के उपवास के नियमों के पालन के बारे में प्रकाश डाला। जयपुर की रोमा चांदवानी ’आशा’ ने ’सिन्धु राजवंश जो बलिदान यादि रखन्दो हिन्दुस्तान’ शीर्षक से आज़ाद कविता सुनाई। जयपुर के महेश किशनानी ने झूलेलाल चालिहो पर कविता ’अचो त सभिई प्रेमी गडिजी चालिहो मल्हायूं, जयपुर के गोपाल ने सिन्ध ऐं सिन्धियत से संबंधित कहानी सुनाई। जयपुर के दिलीप पारवानी ने ’सिन्धी भाषा ऐं बोलीअ जे वाधारे में मीडिया जी भूमिका’ विषयक आलेख में बताया कि आज मीडिया में प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, रेडियो, टीवी एवं इंटरनेट ने क्रांतिकारी पत्रकारिता को नया रूप दिया है।
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, डा.गायत्री, डा.माला कैलाश, पार्वती भागवानी, प्रिया ज्ञानानी, हेमनदास, हेमा चंदानी, माया वसंदानी, निवाई से ऋचा इसरानी एवं योग्यता इसरानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन रमेश रंगानी ने किया।