हरियाली व स्वच्छता का संकल्प लेकर 26वीं सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा लेह लद्धाख में सम्पन्न

हरियाली व स्वच्छता का संकल्प लेकर 26वीं सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा लेह लद्धाख में सम्पन्न

चार दिवसीय आयोजन में देश भर से उपस्थित तीर्थयात्रियों ने किया पूजन
 
 अजमेर 28 जून। हर व्यक्ति हरियाली को ध्यान में रखते हुये पेड अवश्य लगावे व हर व्यक्ति तिरंगे का पूजन कर सम्मान करे ऐसी प्रेरणा लेकर 26वीं सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा 2022 लेह लद्धाख में सम्पन्न हुई। मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार जी के नेतृत्व में आजादी के 75वी वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव का सिन्धु उत्सव के तहत देशभक्ति आधारित कार्यक्रमांे व सिन्धु माता के जल का पूजन कर यात्रा सम्पन्न हुई, जिसमें देश भर के 2500 से अधिक  तीर्थयात्री विभिन्न मार्र्गों से लेह पहुंचे।
 सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लधाराम नागवाणी, सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरलीधर माखीजा, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र कंसल, गौतम सम्राट, मुकेश लखवाणी, सुरेन्द्र लच्छवाणी, मनोज गोगिया, राजन नागपाल, हरीश तलरेजा सहित केन्द्रीय पदाधिकारियों ने यात्रा को सम्पन्न करवाया।  
     प्रदेश प्रभारी महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि तीर्थयात्रियी पांच मार्गों से चलकर लेह पहुंचे जिसमें वायु मार्ग दिल्ली-लेह-दिल्ली व चार सडक मार्ग चंडीगढ-मनाली-लेह-जम्मू व जम्मू-लेह-मनाली-चंडीगढ़ से पूरे मार्ग पर भ्रमण व दर्शन करते सम्मिलित हुये।
आराध्यदेव झूलेलाल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा -
समारोह के दौरान लेह स्थित हरे कृष्ण मन्दिर में आराध्य देव वरूणअवतार झूलेलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हरिद्वार के संत आदित्यनाथ व अतिथियों द्वारा कर स्थापित की गई एवं सभी श्रृद्धालुओं ने मन्दिर दर्शन कर पूजन किया।
 सभा के कार्यकारी अध्यक्ष भगतराम छाबडा ने कहा कि इस वर्ष शहीद हेमू कालाणी का जन्म शताब्दी वर्ष होने के कारण लेह लद्धाख में भी उनके जीवन परिचय के साथ बडे पर्दें पर प्रदर्शन किया गया।
    प्रदेश महामंत्री ईश्वर मोरवाणी व मूलचंद बसताणी के साथ जयपुर से पहुंचे दल नेघाट पर सिन्धु माता दर्शन व पूजन किया एवं लेह लद्धाख में सिन्धु माता की पूजा अर्चना, बहिराणा साहिब की पूजन के साथ एकता, अखण्डता, सद्भाव एवं समन्वय का प्रतीक सिन्धु दर्शन उत्सव में सम्मिलित हुये। भारतीय सिन्धु सभा के साथ विभिन्न संगठनों की भागीदारी से सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा सम्पन्न हुई।

साभार: महेन्द्र कुमार तीर्थाणी