अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

मातृभाषा बचाने का प्रयास स्वयं के घर से करना होगा
ब्यावर ,अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आज मंगलवार को सिंधी शिक्षा शागिर्द मित्र संस्था द्वारा सायं 7:00 बजे ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संस्था की भावना खुबानी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज संगोष्ठी का विषय *सिंधी भाषा को कैसे बचाएं व वर्तमान में किए जा रहे प्रयास कितने सार्थक हैं* रखा गया। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली व भारतीय सिंधु सभा न्यास जयपुर द्वारा संचालित सिंधी कक्षाओं के सुपरवाइजर दिलीप ज्ञानचंदानी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि भाषा को बचाने का प्रयास घर से करना होगा वह अब प्रशासनिक प्रतियोगिताओं में भी सिंधी विषय लेकर आगे बढ़ा जा सकता है।सिंधी शिक्षा मित्र कमल सुंदर चचलानी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आजादी के पश्चात हम अपने व्यापार व्यवसाय की उन्नति में तो अवल रहे परंतु सांस्कृतिक प्रदूषणता के कारण हम अपनी भाषा को पूर्ण रूप से बचाने में सफल नहीं हो सके यह गलती हमें स्वीकार कर सुधारने का प्रयास करना होगा तभी दिवस विशेष मनाने की सार्थकता होगी। सिंधी सांस्कृतिक सखी संगत की भारती गिदवानी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली के तहत बच्चों पर अंग्रेजी भाषा का प्रभाव अधिक है इस कारण हमारे प्रयास पूर्णतया सार्थक नहीं हो पाते। वर्षा दुलानी ने सांस्कृतिक गतिविधियों के सहारे भाषा को बचाने के प्रयास करने पर जोर दिया।
सानिया खूबानी ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए क्षेत्र विशेष की भाषाओं को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।श्रीमती कंचन ज्ञानचंदानी ने *हां मां सिंधी आहियां* कविता की चंद लाइने प्रस्तुत कर सिंधी भाषा की महत्वता बताई । सिन्धी शिक्षा शागिर्द भूमिका ज्ञानचंदानी ने कहा कि पारिवारिक माहौल मिले तो अपनी भाषाओं को बचाया जा सकता है भारती थावानी ने *सिंधी अबाणी बोली मिठड़ी अबाणी बोली* गीत प्रस्तुत कर गर्मियों में लगने वाले शिविर की सार्थकता बताई। कार्यक्रम में नन्ही बालिकाओं स्वाति दीपक लालवानी व रिमझिम रवि खूबानी ने भजन प्रस्तुत किए कार्यक्रम का संचालन विधि लालवानी ने किया।