विभाजन की त्रासदी व पीड़ा को याद कर छलक पड़ी आंखें

ब्यावर में विरहांञे जो दरदु कार्यक्रम आयोजित
ब्यावर:- देश आज आजादी का अमृत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मना रहा है लेकिन यह आजादी हमें यूं ही नहीं मिली अनेकों लोगों की कुर्बानियां, लाखों लोगों को निर्वासित होकर अपनी जन्मभूमि छोड़नी पड़ी अंग्रेजों के असहनीय जुल्म, फांसी की सजा, कईयों के साथ अमान्य कृत्य यह सब आजाद भारत की भूमि के दबे हुए षॄष्ठहैं।
ऐसे अनेक लोगों के जख्म आज भी हरे हैं जिन्होंने देश की आजादी की खातिर अपनी जन्मभूमि छोड़ी ,कुछ ऐसी ही यादें ताजाकरते हुए ब्यावर में रह रहे अनेक बुजुर्गों की आंखों से आंसू निकल पड़े वह उपस्थित लोगों की आंखें छलछला गई।
झूलेलाल युवा सेवा समिति सिंधी शिक्षा शागिर्द मित्र संस्था के बैनर तले *विरहांञे जो दर्द* (विभाजन की विभीषिका) कार्यक्रम प्रताप नगर स्थित कृष्णा चंचल विहार में आयोजित किया गया, जिसमें देवेंद्र जी गुरदासानी (94), महादेव मल जी राजवानी (86) , परसराम जी हरवानी (79), दादी रामीबाई चंदवानी (90),दादी टिकण खेसवानी (76), दादी रुकमणी खानवानी (86) , ठाकुरदास जी पंजाबी (82 ), उद्धव दास जी गुरनानी (79) श्रीमती पुष्पा गुरनानी (77), पमनदास जी भोजवानी (80) ,निहालचंद जी पमनानी (84) ,आदि ने अपने जीवन वृतांत सुनाएं। सिंध भूमि की गाथा सुनकर सभी को सिंध देखने की लालसा मन में लगी रही उक्त सभी बुजुर्गजन का समिति सदस्यों द्वारा मोतियों की माला व शॉल पहना कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में हरी किशन तिलोकानी,दयाल गुरनानी, लक्ष्मण हरवानी, बाबू मल गंगवानी , रमेश गंगवानी, रमेश अलवानी , श्रीमती मीना गुरनानी, श्रीमती पुष्पा चचलानी, श्रीमती भारती गिदवानी, श्रीमती वर्षा दुलानी, रवीना हीरानंदानी, श्रीमती विधी लालवानी , श्रीमती सानिया खुबानी , हर्षा उत्तमचंदानी, श्रीमती अंजली करमचंदानी, ,याशिका मोतियानी,वासुदेव खुबानी मंघाराम पमनानी, जैकी तिलोकानी, सुंदर तेजवानी, दिलीप ज्ञानचंदानी, मोहन खानवानी, गगन देवनानी,अशोक पमनानी, सुरेन्द्र गुरदासानी,महेश पारवानीआदि अनेक समाज बंधु उपस्थित थे । कार्यक्रम में अर्जुन कृपलानी जी, रेशमा पुरस्वानी, रिद्धिमा तिलोकानी ,स्वाति लालवानी भविष्या भैरवाणी, सोनिया कांजानी व पूजा कांजानी ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी कार्यक्रम का संचालन संयोजक कमल सुंदर चचलानी ने किया।