सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

जयपुर, 26 अप्रेल (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 26 अप्रेल, 2023 को झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में सदाहयात हर दिल अजीज वरिष्ठ साहित्यकार, नाटय निर्देशक, रंगकर्मी एवं कार्टूनिस्ट सुन्दर अगनानी को समर्पित मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।

अकादमी सचिव योगेन्द्र गुरनानी ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार भगवान अटलानी ने कहा कि सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन में श्री सुन्दर अगनानी का योगदान अविस्मरणीय है। श्री अगनानी एक कहानीकार, नाटककार एवं कार्टूनिस्ट के साथ सरल व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। उन्होंने अगनानी के कई अनछूये पहलूओं पर प्रकाश डाला। 

गोष्ठी में अजमेर की साहित्यकार डा.कमला गोकलानी ने ’सिन्धी नाटकनि में सुन्दर अगनानीअ जो योगदान’, विषयक आलेख में बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री अगनानी की शख्सियत के बारे में विस्तार से बताया और नाटकों के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी दी। जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार हरीश करमचंदानी ने ’सुन्दर अगनानी हिक कार्टूनिस्ट’ विषयक आलेख में उनकी कार्टून कला पर प्रकाश डाला। उन्होंने न सिर्फ दूसरों पर बल्कि खुद पर भी कार्टून बनाये और समाज की विसंगतियों को अपने कार्टूनों का विषय बनाया। डा.माला कैलाश ने ’सिन्धी कहाणियुनि में सुन्दर अगनानीअ जो योगदान’ विषयक आलेख में अगनानी के दो कहानी संग्रह ’ ’नंगा पत्थर’ और पानीअ जा रिश्ता’ की कहानियों के बारे में जानकारी दी और उनकी कहानियों के बारे में वरिष्ठ साहित्यकारों के विचार प्रस्तुत करते हुये लेखक की लेखनी पर प्रकाश डाला। 
 
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, रमेश रंगानी, गोविन्दराम माया, नन्दिनी पंजवानी, ज्योति पहलवानी, हेमा मलानी, रोमा चांदवानी, पार्वती भागवानी, माया वसंदानी, हेमनदास, वीना प्रियदर्शना, कैलाश आडवानी, प्रिया ज्ञानानी, ऋचा ईसरानी, महेश किशनानी, प्रिया नन्दवानी, श्रीचंद दीवान, राजेश चांदवानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन श्रीमती पूजा चांदवानी ने किया।
 
गोष्ठी के अन्त में वरिष्ठ सिन्धी साहित्यकारों सुन्दर अगनानी, टेकचन्द मस्त एवं लक्ष्मण दुबे के आकस्मिक निधन पर दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई। अकादमी सचिव ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया।