सिन्धी भाषा दिवस एवं भगत कंवरराम के उपलक्ष में आयोजित मासिक अदबी गोष्ठी सम्पन्न

सिन्धी भाषा दिवस एवं भगत कंवरराम के उपलक्ष में आयोजित मासिक अदबी गोष्ठी सम्पन्न

जयपुर, 29 अप्रेल (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ’’सिन्धी भाषा दीहुं ऐं भगत कंवरराम’’ विषयक मासिक अदबी गोष्ठी आज झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी कार्यालय में आयोजित की गई।

गोष्ठी की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं साहित्यकार रमेश रंगानी ने की। गोष्ठी में अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार रमेश नारवानी ’नींगर’ ने ’भगत कंवरराम पर रचना ’गुणी हुजनि गुणवान’’, ब्यावर के कमल चंचलानी ने सिन्धी भाषा दिवस पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये भाषा का महत्व बताया। अजमेर की श्रीमती कमला बूटानी ने भगत कंवरराम को मानव संस्कृति के लिये वरदान बताते हुये अपनी रचना प्रस्तुत की। जयपुर की डॉ.जानकी मूरजानी ने सिन्धी भाषा दिवस पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सिन्धी भाषा नहीं भारतीय संस्कृति है। सिन्धी भाषा विश्व की प्राचीन मोहन-जो-दड़ो सिन्धु घाटी सभ्यता की सिन्धी भाषा है। डी.डी.ईसरानी ने अपनी कविता ’’दिसां वेठो सिन्धी बोलीअ जो हाल, कहिड़ो करियां वेही तोसां अहिवाल’’  कविता प्रस्तुत की। 

गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, डा.माला कैलाश, लक्ष्मण पुरसवानी, नन्दिनी पंजवानी, रोमा चांदवानी, डा.हरि जे.मंगलानी, पार्वती भागवानी, माया वसंदानी, हेमनदास, हर्षा पंजाबी, महेश किशनानी, प्रिया ज्ञानानी, हेमा मलानी, इन्दर नारवानी, किशन बूटानी एवं सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन श्रीमती पूजा चांदवानी ने किया।