सिंधी भाषा का साहित्य समृद्ध व उच्च कोटि का : सामनानी

सिंधी भाषा का साहित्य समृद्ध व उच्च कोटि का : सामनानी

ब्यावर:- सिंधी भाषा का साहित्य समॄद्ध व उच्च कोटि का है नई पीढ़ी इस साहित्य को पढ़कर जीवन में उच्चतर प्रगति कर सकती है ,इस हेतु हमें प्राथमिक स्तर पर सिंधी भाषा का ज्ञान होना अत्यावश्यक है । यह विचार भारतीय सिंधु सभा न्यास जयपुर के पदाधिकारी दीपेश सामनानी ने आज राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली व भारतीय सिंधु सभा न्यास जयपुर द्वारा संचालित पूज्य श्री झूलेलाल साहिब मंदिर नन्द नगर व बोहरा कॉलोनी में सिंधी अधिगम पाठ्यक्रम की कक्षाओं के अवलोकन के दौरान व्यक्त किए।

श्री सामनानी ने सिंधी बोलचाल की भाषा में अन्य भाषाओं के उच्चारण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि थोड़े से अभ्यास से हम अपनी बोलचाल की भाषा में सुधार कर सकते हैं उन्होंने कहा कि सिन्धी साहित्य का अकूत भंडार राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ सिंधोलॉजी, आदिपुर तथा विभिन्न प्रदेश की सिन्धी अकादमियों में रखा हुआ है हमें प्रयास कर उस साहित्य का अध्ययन करना चाहिए ,कई विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी उन्होंने अपनी बातचीत में किया इस अवसर पर सिंधी शिक्षा शागिर्द मित्र कमल सुंदर चचलानी, श्रीमती भावना खुबानी, सुपरवाइजर दिलीप ज्ञानचंदानी व सिंधी व्याकरण की सहयोगी लेखिका हिना सामनानी भी उपस्थित थी।