मातृ भाषा में शिक्षा ग्रहण से लक्ष्य आसानी से हासिल होते हैं

मातृ भाषा में शिक्षा ग्रहण से लक्ष्य आसानी से हासिल होते हैं

ब्यावर:- प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ग्रहण करने से बच्चे अपना लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सकते हैं वर्तमान में भारत सरकार ने भी यह नियम लागू कर दिया है कि प्राथमिक स्तर की शिक्षा मातृभाषा में ही दी जाए जिससे आमजन में अपनी मातृभाषा के प्रति जागृति व प्यार बढे।  यह विचार सिंधी शिक्षा शागिर्द मित्र कमल सुंदर चचलानी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली व भारतीय सिंधु सभा न्यास जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में 2021-22 में संचालित सिंधी सर्टिफिकेट कोर्स व सिंधी डिप्लोमा कोर्स के विद्यार्थियों को आज प्रमाण पत्र वितरण के दौरान व्यक्त किए ।
सिंधी शिक्षा शागिर्द मित्र भावना खुबानी में जानकारी देते हुए बताया कि डिप्लोमा कोर्स में 18 विद्यार्थियों व सर्टिफिकेट कोर्स में 42 विद्यार्थियों ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की थी जिन्हें आज राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली
 द्वारा जारी प्रमाण पत्र पूज्य श्री झूलेलाल मंदिर नंद नगर में वितरित किए गए। भारतीय सिंधु सभा न्यास जयपुर के प्रदेश मंत्री भाषा एवं संस्कृति डॉ प्रदीप गेहाणी ने बताया कि सिंधी भाषा  पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थियों ने इस वर्ष भी डिप्लोमा व एडवांस डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाएं दी है जिसके परिणाम शीघ्र घोषित किए जाएंगे।