राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

जयपुर, 15 दिसम्बर (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में शुक्रवार, 15 दिसम्बर, 2023 को मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।  
गोष्ठी की अध्यक्षता अकादमी अध्यक्ष डा.सुनील पारवानी ने की। गोष्ठी में जयपुर के साहित्यकार लक्ष्मण पुरसवानी ने दो कवितायें ’सहारो आ फकत तुहिंजो, ज़माने में न एि कहिंजो’ एवं फ़कत तुहिंजा अफसाना मुहिंजे अखियुनि में, बाब बाकी बेगाना, मुहिंजे अखियुनि में’ प्रस्तुत की। कवियत्री वीना प्रियदर्शना ने अपनी काव्य प्रस्तुति ’अचो त मिली सभई नचूं गायूं, अचो त सभई खुशियूं मल्हायूं, वेर हुजे कहिखे त छा खुश रही पाण वणायूं’ में संदेश दिया कि हमें सद्कर्म करते हुये जीवन आदर्शों के साथ-साथ हंसी-खुशी-उमंगों के साथ बिताना चाहिये। 

 इस अवसर हिना सामनानी ने ’सिन्धी अकादमियुनि जे योजनाउनि जी सार्थकता’ विषयक अपने आलेख में विचार रखे कि यदि हमें अपनी भाषा एवं वजूद कायम रखना है तो अकादमियों की स्थापना अत्यन्त आवश्यक है। इसी दिशा में सिन्धी समाज द्वारा सिन्धी अकादमियों की स्थापना करवाई गई। सिन्धी अकादमियों की योजनाओं से सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति का आमूल-चूल संरक्षण एवं विकास संभव हुआ है। मनोज आडवानी ने ’नये साल जा संकल्प’ विषयक अपने आलेख में नववर्ष के संकल्पों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि ’हमें कर्म ही पूजा है’ का नववर्ष में संकल्प लेना चाहिये।     
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, गोबिन्दराम माया, पूजा चांदवानी, नन्दिनी पंजवानी, डा.माला कैलाश, पार्वती भागवानी, नमीषा खेमनानी, रमेश रंगानी, हर्षा पंजाबी, हरि जे.मंगलानी, गोपाल, डी.डी.ईसरानी, हेमा मलानी, कविता तनवानी, वंदिता आहूजा, भारती गोपलानी, महेश कुमार किशनानी, कविता सचदेव तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन नन्दिनी पंजवानी ने किया।