संस्कृति से जोड़ने में लोक कलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका-मूलचंदानी
भगत शैली में सिन्धी नृत्य नाटिका का मंचन
जयपुर, 3 दिसम्बर। संस्कार संस्कृति की जननी है और संस्कृति लोक कलाओं की। लोक कलाएँ किसी भी संस्कृति की पहचान हैं। सिन्धी लोक कला भगत काफी प्राचीन और वैभवशाली होने के साथ सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं सभ्यता के संरक्षण में सहायक रही है। उक्त उद्गार न्यायाधिपति जी.आर.मूलचंदानी ने राजस्थान सिन्धी अकादमी और कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा विश्व प्रसिद्ध सिन्धी भगत कंवरराम साहिब के जीवन पर आधारित ’भगत शैली में सिन्धी नृत्य नाटिका’ के मंचन के अवसर पर अकादमी संकुल सभागार, झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।
अकादमी प्रशासक एवं जयपुर संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इससे पूर्व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुये हिन्दी एवं सिन्धी के वरिष्ठ साहित्यकार हरीश करमचंदानी ने कहा कि विलुप्त होती सिन्धी भगत कला को जीवित रखने के प्रयास के रूप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम में अजमेर के भगत घनश्याम ठारवानी एवं ग्रुप द्वारा सुप्रसिद्ध सिन्धी भगत कंवरराम साहिब द्वारा गाये गीतों पर आधारित सिन्धी नृत्य नाटिका में ईश भक्ति, सत्संग, सुर-ताल के साथ गाये गीतों में नृत्य का समावेश कर दर्शकों को भाव-विभोर किया। उन्होंने ’कीअं रीझायां तोखे, कीअं परचायां, ’कोसा कोहर खणी हलियो, भाग खोलिया साईं कंवरराम जा डिना पैसे में पन त भरे, होका डींदो हलियो राम नाम जा, ’नंगड़ा निमाणी दा जीवें-तीवें पालणा ’’नाले अलख जे बेडो तारि मुंहिंजो’ आदि कई सिन्धी गीत गाते हुये भगत नृत्य नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अकादमी के पूर्व अध्यक्ष नरेश कुमार चंदनानी ने कहा कि सिन्धी भगत कला से युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिये ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन सराहनीय प्रयास है। अकादमी सिन्धियत के विकास के लिये निरन्तर सराहनीय कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में अकादमी के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल वाधवानी, पूर्व सचिव दीपचंद तनवानी, ईश्वर मोरवानी, डा.खेमचंद गोकलानी, सुरेश सिन्धु, रमेश रंगानी, वासदेव मोटवानी, नन्दिनी पंजवानी, रोमा चांदवानी, पार्वती भागवानी, महेश किशनानी, डा.पूनम केसवानी, हेमनदास मोटवानी, अकादमी के पूर्व सदस्य, साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी, पूज्य सिन्धी पंचायतों के पदाधिकारी एवं समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अकादमी के पूर्व सचिव ईश्वर मोरवानी ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन पूजा चांदवानी ने किया।