अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सिंधु शोध पीठ ने आयोजित की राष्ट्रीय संगोष्ठी
समाज अगर पतंग है तो महिला संस्कार की डोर है -प्रो. शुक्ल
अजमेर । महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि समाज को अगर पतंग के रूप में परिभाषित करें तो महिला संस्कारों की डोर हैं ,क्योंकि समाज के उत्थान में महिलाओं का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। वर्तमान में महिला सशक्तिकरण की बात की जा रही है ,लेकिन हालात एवं परिस्थितियों को देखते हुए महिलाओं को स्वयं सशक्त होना बहुत जरूरी है। मंगलवार को विश्वविद्यालय कि बृहस्पति भवन के सभागार में सिंधु शोध पीठ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस के मौके पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र बतौर अध्यक्ष संबोधित करते हुए प्रो. शुक्ला ने कहा है कि शिक्षा के द्वारा भाषा का परिष्कार जरूरी है ।भाषा देश निर्माण का काम करती हैं। संस्कृति के साथ ही भाषा का भी निर्माण होता है । महिला दिवस व मातृभाषा दिवस को अगर संयुक्त रूप से अभिव्यक्त किया जाए तो भाषा एवं महिला दोनों की राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व भूमिका होती है। इस मौके पर संगोष्ठी में मुख्य अतिथि अनादि सरस्वती ने कहा कि नारी केवल किसी शरीर का नाम नहीं है, उसमें अध्यात्म का भाव होना जरूरी है और अध्यात्म ही किसी राष्ट्र को ऊंचाइयों की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि नारी के बिना सृष्टि की कल्पना आदि काल से ही अधूरी रही हैं। नारी हर रूप में पुरुष को प्रगति के मार्ग पर ले जाने के लिए कटिबद्ध रहती है। आरएएस अधिकारी व विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव सुरेश सिंधी ने कहा कि भाषा कोई भी हो वह भावों से परिपूर्ण होनी चाहिए। भाषा भावों को प्रकट करती हैं और भाव संवेदना को प्रकट करते हैं और जहां संवेदनाओं की समझ व्यक्ति में होती हैं, वह राष्ट्र और समाज कभी भी अधूरा नहीं रह सकता है । सिंधु शोध पीठ के निदेशक प्रो सुब्रता दत्ता ने कहा कि सिंधु शोध पीठ समय समय पर संगोष्ठी, सेमिनार व कार्यशालाओं के माध्यम से निकट भविष्य में भी अनेक नवाचार किए जाएंगे। यह केवल सिंधी भाषा के विकास की ही बात नहीं है भाषा भाव की जननी होती हैं अतः इनका विकास होना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम संयोजिका व सिंधु शोध पीठ की पूर्व निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मी ठाकुर ने कहा कि......
उद्घाटन सत्र के बाद संगोष्ठी के दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिसमें विभिन्न शोधार्थियों एवं सिंधी भाषा की भाषा भी धोने पत्र वाचन किया कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव शर्मा ने किया अंत में उपस्थित अतिथियों का आभार ने व्यक्त किया कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती एवं झूलेलाल की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ किया गया उद्घाटन सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस मौके पर कुलपति प्रो.अनिल कुमार शुक्ला का भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेंद्र कुमार तीर्थाणी, जिला मंत्री मोहन तुलसियाणी, प्रदेश मंत्री (युवा) मनीष गुवालाणी के साथ प्रशासनिक अधिकारी रहे सुरेश सिंधी, अजमेर सिंधी सेंट्रल महासमिति के महासचिव गिरधर तेजवाणी शाॅल -स्मृति चिन्ह देकर अभिवादन भी किया गया।