सिन्धी शायर नारायण श्याम के 100वें जन्मोत्सव को समर्पित मासिक अदबी गोष्ठी आयोजित

सिन्धी शायर नारायण श्याम के 100वें जन्मोत्सव को समर्पित  मासिक अदबी गोष्ठी आयोजित

जयपुर, 27 जुलाई (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आज झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी कार्यालय में सिन्धी के मूर्धन्य साहित्यकार नारायण श्याम के 100वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।

गोष्ठी की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. हरि जे.मंगलानी ने की। गोष्ठी में ब्यावर के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. अर्जुन कृपलानी ने सिन्धी के सदा हयात शायर एवं गजल गायक नारायण श्याम के 100वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने नारायण श्याम द्वारा सिन्धी साहित्य में दिये गये योगदान को सिन्धी साहित्य के लिये अनमोल धरोहर बताया। बाड़मेर की श्रीमती पूजा बादलानी ने कविता ’ख्वाहिश नाहे मुखे वधिक मशहूर थियण जी, सिन्धियत ही सु´ाणप आहे मुहिंजी शक्सियत जी, जयपुर के प्रो. हरि जे. मंगलानी ने कविता ’कुर्बानीअ जो मंत्रु दियण वारी, सागर में तूफान मचाइण वारी’ प्रस्तुत की। जयपुर की श्रीमती वीना प्रियदर्शना ने कविता ’नन्ढी मां वदी थियसु, बार मां जवानु’, श्रीमती पूजा चांदवानी ने कविता ’तमाम सुहिणे वडे शहरू में, जिथे मां रहन्दी आहियां’, श्रीमती वंदिता आहूजा ने कविता ’तूं छो थो शर्माईं पहिंजी बोली गाल्हाईण में’ प्रस्तुत की।
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, सुरेश सिन्धु, रमेश रंगानी, लक्ष्मण पुरसवानी, रोमा चांदवानी ’आशा’, गोपाल, पार्वती भागवानी, प्रिया ज्ञानानी, हेमनदास, महेश किशनानी, अनुष्का रंगानी, नमीषा खेमनानी, अशोक रोघा, आशीष गोकलानी, भावना कुमारी आदि ने सिन्धी के मूर्धन्य साहित्यकार नारायण श्याम को श्रद्धांजली अर्पित की। गोष्ठी में सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन श्रीमती वीना प्रियदर्शना ने किया।