सनातन व वीरता की पहचन है दाहरसेन स्मारक -संत युधिष्ठरलाल
रायपुर शदाणी दरबार से आये शिष्टमण्डल ने स्मारक का किया अवलोकन
अजमेर -15 जुलाई। सनातन व मानवता के दर्शन करने के साथ वीरता की पहचान है सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक। नारी शक्ति का दर्शन, प्राचीनतम सभ्यता व संस्कृति के साथ महापुरूषों के बलिदान की वीर गाथ चित्रण के साथ यहा दर्शन हो रहे हैं जिससे सभी को गर्व की अनुभूति हो रही है। लोक कथायें, लोक गीत, ऐतहासिक पुरातत्व के साथ सिन्ध के महान संतो के उदभुत दर्शन हो रहे हैं। ऐसे विचार रायपुर छतीसगढ से शिष्टमण्डल सहित पधारे पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ के पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठरलाल ने सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक, अजमेर के अवलोकन करते हुये कहे। स्मारक पर हिंगलाज माता पूजा अर्चना, महाराजा दाहरसेन को श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए राष्ट्र रक्षा सूत्र बांधकर संकल्प लिया कि भारत पुनः अखण्ड भारत बने ।
इस अवसर पर संत पी.डी. केवलरामाणी व साहित्यकार प्रो. मुरारीलाल नत्थाणी ने कहा कि स्मारक के साथ सिन्धु संग्राहलय से मुअन जो दडो सभ्यता व सिन्ध के गौरवमयी इतिहास की जानकारी जन-जन तक पहुंचने का केन्द्र है।
वीर सपूत हेमू कालाणी के जन्म शताब्दी वर्ष व सिंध के शहिद राणा रतन सिंह व शहीद रूपलो कोहली मूर्ति के समक्ष तथा महापुरूषों को पुष्प अर्पण करने के साथ स्मारक सहित संग्रहालय का अवलोकन किया।
स्मारक पर प्रेम प्रकाश आश्रम के संत राजूराम, भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति के कंवल प्रकाश किशनानी, स्वर्णकार समाज के तुलसी सोनी ने सभी का स्वागत सत्कार किया।